Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -06-Jul-2022... सपनों की उड़ान..

सपनों की उड़ान भाग 4



मोहन कुछ दिनों बाद वापस अपने शहर जा चुका था...। परी अभी भी पहले की तरह लोगों से मोबाइल ले लेकर अपने शौक को पूरा कर रहीं थीं...। परी का ये जुनून कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था..। 

तकरीबन बीस पच्चीस दिन हुवे होंगे मोहन को इंटरनेट पर विडियो डाले हुवे...। मोहन शहर जाकर ये बात भूल भी चुका था.. और गांव में किसी को इस बात की खबर तक नहीं थीं..की एक दिन अचानक मुखिया के बेटे ने वो विडियो देखी... उसने वो विडियो अपने पिताजी यानि गाँव के मुखिया को दिखाई....। 

पापा ये परी ही हैं ना... कैसे डांस कर रहीं हैं... आप देखिए तो सही...। 

अरे हां ये तो रामलाल की छोरी हैं... पर उसका विडियो फोन में कैसे.... उस के पास तो कोई मोबाइल ना हैं.... फिर ये विडीओ डाली किसने और ऐसी विडियो कैसे डाली... कैसे बेशर्मो की तरह नाच रही हैं छोरी..। 

वही तो पापा... इसलिए तो आपको दिखा रहा हूँ... गाना तो सुनो पापा.... माना वो अच्छा नाचती हैं पर ऐसे गाने पर ऐसा कैसे नाच सकतीं हैं और वो भी इंटरनेट पर.... लाखों लोग देखते होंगे इस विडियो को...। 

ये छोरी ने ठीक ना किया..। गलती तो उसकी माँ की भी हैं... छोरी का ध्यान कोनी रख सकतीं...। अभी खबर लेता हूँ...। रामसिंह...ओ रामसिंह....। 

जी मालिक....। 

अभी का अभी रामलाल को यहाँ लेकर आ.... जल्दी...। 

जो हुक्म मालिक...। 


कुछ देर में ही रामलाल वहाँ हाज़िर हुआ...। 
मुखिया :- रामलाल... तु तो बहुत सीधा सादा लगता हैं... फिर ये अपनी बेटी से ऐसे काम कराते हुवे तुझे जरा़ भी शर्म नहीं आई... 


क्या हुवा मालिक.... मैने कौनसा काम करवाया परी से...। 


ये देखो भोला तो ऐसे बन रहा हैं जैसे कुछ पता ही नहीं हो...। कितना पैसा कमाने लिया ऐसे नाच नचवाकर बोल...! 

मालिक सच में आप क्या कह रहे हैं... मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा...। 

अरे अब ये नाटक बंद कर... मैं चाहता ना तो भरी पंचायत में इस मुद्दे को उठाता.... लेकिन तेरी बच्ची सिर्फ दस साल की हैं... मासूम हैं... उसको समझ नहीं पर तेरी और तेरी औरत की अक्ल घास चढ़ने गई थीं क्या...!! 

मालिक हुआ क्या वो तो बताइये...। 

मुखिया ने अपने बेटे से कहकर वो विडियो चलाई और रामलाल को दिखाई...। 
ये देखा.... कैसा नचनियों जैसा नाच रहीं हैं तेरी छोरी...। इसके हावभाव और नाच देखकर कोई कहेगा ये सिर्फ दस बरस की हैं...। नाची तो नाची... पर इंटरनेट पर भी डाल दी...। अरे अब तक तो लाखों लोग देख चुके होंगे....। कैसी कैसी नजरों से देख रहे होंगे... कुछ अंदाजा भी हैं तुझे.... हमारे गाँव का नाम मिट्टी में मिला दिया तेरी छोरी ने... हम क्या यहीं सब दिखाएंगे अपने बच्चों को.... कितना बुरा असर पड़ेगा इसका तु समझ रहा हैं...। देख रामलाल....अभी का अभी तु चुपचाप इस गाँव से चला जा...। वरना ये बात पंचायत के सामने पूरे गाँव के सामने आएगी...। 


मालिक ये आप क्या कह रहें हैं... मैं कहाँ जाऊंगा मालिक... और सच में मालिक मुझे इन सबके बारे में कुछ भी नहीं पता....। मेरा यकीन किजिए ..। मैं घर जाकर मेरी औरत से... छोरी से... बात करूँगा ... जिसने भी किया होगा आप उनको सजा दे देना मालिक.... लेकिन हमें ऐसे गाँव से मत निकालये....। 

अरे तेरी औरत ने किया हो या छोरी ने उससे मुझे कोई मतलब नहीं..। कल को किसी को पता चला ये छोरी हमारे गाँव में रहतीं हैं तो नाम तो मेरा खराब होगा ना... और गाँव में दूसरी लड़कियों ने देखा तो उन पर भी भूत सवार हो जाएगा...। ना ना ना.... मेरे गांव में मेरे होते हुवे ये सब नहीं होने दूंगा...। 


लेकिन मालिक मैं जाऊंगा कहाँ.... बाप दादा की जमीन.... सब कुछ यहीं हैं.... ;

वो जमीन तो तू भूल जा तेरा अब तक का सारा कर्जा उस जमीन से वसूल कर लूंगा...। भलाई इसी में हैं.... बिना किसी को कुछ बताए.... कहीं ओर चला जा...। वरना चल पंचायत में... करते हैं पूरे गाँव के सामने बात...। 

नहीं नहीं मालिक.... मेहरवानी करके गाँव में किसी को कुछ मत बताइये.. । लेकिन मालिक मुझ पर थोड़ा तो रहम करीए.... मैं सालों से आपके यहाँ काम कर रहा हूँ..। कुछ तो दया करीए ...। 


तेरा सोचकर ही तुझे यहाँ अकेले में बात कर रहा हूँ.... कोई ओर होता तो बात सीधे भरी सभा में सभी के सामने होतीं...। मुझे पता हैं तु बहुत सीधा हैं.... तेरे पास तो मोबाइल ही नहीं हैं.. ये जरूर तेरी औरत का काम हैं...। अरे उसके चालचलन तो मुझे वैसे ही ठीक नहीं लगते थे...। तेरी छोरी तो नासमझ हैं.... उसको जैसा माँ कहेंगी वैसा ही करेगी ना.... ये सब तेरी औरत का किया धरा हैं....। 

(मुखिया की नज़र शुरू से ही रामलाल की पत्नी सरला पर थीं....एक बार उसने सरला के सामने प्रस्ताव भी रखा था...पर सरला ने खड़ी खोटी सुना दी थीं....तभी से मुखिया के अहम को ठेस पहुंची थीं ओर वो ऐसे ही किसी मौके की तलाश में लगा हुआ था ताकि सरला को नीचा दिखा सकें....इसलिए वो रामलाल को सरला के खिलाफ भड़का रहा था..) 

हमारे समाज में आज भी ऐसे लोगों की भरमार हैं जो ऐसी छोटी और संकीर्ण बुद्दि रखते हैं और इस समस्या का ऐसा रास्ता खोजते हैं सिर्फ अपने स्वार्थ और अहम के लिए.... अब आगे क्या होगा परी के जीवन में.... फिलहाल यह सबसे बड़ा सवाल हैं...। 


क्या रामलाल गाँव छोड़ देगा.. ! 
क्या परी की किस्मत में यहीं लिखा था..! 
जानते हैं अगले भाग में...। 


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3 Comments

Milind salve

21-Jul-2022 12:29 AM

शानदार

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Gunjan Kamal

20-Jul-2022 12:10 PM

बेहतरीन भाग

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Raziya bano

20-Jul-2022 11:46 AM

Bahut sundar rachna

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